दो महीने बाद अस्तित्व में आने वाले सीएम राइज स्कूलों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों का बेहतर भविष्य का सपना सरकार साकार करेगी। इन स्कूलों के विद्यार्थियों के लिए प्रतियोगी परीक्षा जेइइ, नीट, क्लेट सहित खेल की कोचिंग की व्यवस्था की जाएगी। विद्यार्थियों को एक्सपोजर विजिट भी कराई जाएगी। ये स्कूल तीन चरणों में तपहले चरण में 350 स्कूलों का चयन किया है, जिनकी सूची अनुमोदन के लिए कैबिनेट को भेजी गई है। मंगलवार की बैठक में इस पर मुहर लगने की उम्मीद है। ये स्कूल हिंदी और अंग्रेजी माध्यम में पढ़ाई कराएंगे। इनमें निजी स्कूलों की तरह केजी-नर्सरी कक्षाएं भी शुरू होंगी।

सरकार शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने के लिए 9200 स्कूल तैयार कर रही है, जो पढ़ाई और सुविधाओं के मामले में नामचीन निजी स्कूलों को टक्कर देंगे। इनमें बच्चों के लिए परिवहन, खेलकूद, संगीत, तैराकी से लेकर तमाम तरह की सुविधाएं होंगी। उनमें वैज्ञानिक प्रवृत्ति विकसित करने के लिए विभिन्न् खेल और प्रतियोगिताएं कराई जाएंगी।

सूची मंजूर होते ही शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया शुरू होगी और फिर स्कूलों की औपचारिक शुरूआत। अभी स्कूल पुराने भवनों में ही संचालित होंगे। हालांकि सर्वसुविधायुक्त भवन तीन साल में तैयार करने का लक्ष्य है। इन स्कूलों में कर्मचारियों की नियुक्ति प्रक्रिया भी अलग होगी और तबादला नीति भी। हर स्कूल निर्धारित मानक पूरे करे, इसलिए मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) भी तैयार की गई है।

नया स्कूल नहीं खुलेगा

कैबिनेट से सूची मंजूर होने के बाद प्रदेश में नया स्कूल नहीं खुलेगा। बल्कि सीएम राइज स्कूलों में जैसे-जैसे सुविधाएं बढ़ेंगी, उनकी 15 किमी परिधि के स्कूलों को समाहित किया जाएगा। वैसे तो यह स्कूल एक ही परिसर में चलना है, पर विशेष परिस्थिति में दो परिसर भी किए जा सकेंगे। कम से कम एक किमी दूर से आने वाले बच्चे को स्कूल परिवहन सुविधा देगा।

हालांकि केजी और नर्सरी कक्षाओं के बच्चों के परिवहन के मामले में अभी मापदंड तय होना हैं। परिवहन सुविधा आउटसोर्स से होगी और टेंडर से ऑपरेटर का चयन होगा। यह संवेदनशील मामला है। इसलिए विकास खंड स्तर पर परिवहन प्रबंधक और स्कूल में परिवहन समन्वयक नियुक्त होंगे, जो सुरक्षित परिवहन पर काम करेंगे।

तीन चरण में बनेंगे स्कूल

पहले चरण में 350 स्कूल इसी साल से शुरू होंगे और इनके भवन तीन साल में पूरे होंगे। अगले पांच साल में 8500 और उसके बाद अगले दो साल में 350 स्कूल खोले जाएंगे। पहले चरण के स्कूलों में केजी से 12वीं, दूसरे चरण में केजी से 12वीं, केजी से 10वीं और केजी से आठवीं तक के स्कूल खोले जाएंगे।