हैदराबाद में 28 नवंबर को एक लड़की की हत्या हुई. पुलिस को शक है कि हत्या से पहले उसके साथ रेप हुआ था.
27 नवंबर की रात करीब 9 बजकर 22 मिनट पर लड़की ने अपनी छोटी बहन को फोन किया था. उन्होंने बताया कि स्कूटी का टायर पंक्चर हो गया है. दो अजनबियों ने उसे मदद भी ऑफर की थी. लेकिन टायर रिपेयर नहीं हो सका. डॉक्टर ने बहन को बताया था कि वो एक ऐसी जगह पर है, जहां कई सारे ट्रक ड्राइवर्स हैं और वो डरी हुईं हैं. उनकी बहन ने उससे कहा कि वो तुरंत ही पास के टोल प्लाजा पर पहुंच जाए, वहां वो सुरक्षित रहेंगी. इसके बाद उसकी बात किसी से नहीं हुई. 28 नवंबर की सुबह उसकी जली हुई लाश मिली.
बीते दिन से चल रही इस खबर में कुछ डिटेल्स सामने आए हैं.
घटना से पहले आरोपी को पुलिस ने पकड़ा था
घटना के 48 घंटे पहले 25 नवंबर को ट्रैफिक पुलिस ने मुख्य आरोपी को पकड़ा था. जब पुलिस ने ट्रक सीज़ करने की कोशिश की, तो आरोपी आरिफ ने अपना दिमाग लगाते हुए ट्रक का सेल्फ स्टार्ट केबल निकाल दिया. इससे ट्रक स्टार्ट नहीं हुआ. और जब पुलिस ट्रक को छोड़कर आगे बढ़ी, तो आरिफ ट्रक लेकर वहां से भाग गया. आरिफ के साथ पुलिस ने जोल्लू नवीन, चेन्नकेशवुलु उर्फ चेन्ना और जोल्लू शिवा को गिरफ्तार किया था.
24 नवंबर को आरिफ और जोल्लू शिवा, जो ट्रक सफाई का काम करता था, दोनों ट्रक में ईंट भरकर हैदराबाद में डिलीवरी करने के लिए निकले थे. इसके बाद आरिफ ने अपने दूसरे साथी नवीन और चेन्ना को फोन किया. उन्हें तेलंगाना के गुडीगंडला गांव में मिलने बुलाया. क्योंकि वो लोग वहां से स्टील का कुछ सामान अवैध तरीके से हैदराबाद ले जाने वाले थे. दोनों साथी बताई गई जगह पर पहुंचे. इसके बाद स्टील लोड किया गया. और फिर चेन्ना अपने घर चला गया. और बाकी के तीन साथी हैदराबाद चले गए.
रीजनल ट्रांस्पोर्ट अथॉरिटी और विजिलेंस एंड एनफोर्स्मेंट डिपार्टमेंट की टीम ने चेकिंग के दौरान इनका ट्रक महबूबनगर (तेलंगाना का शहर) के पास रोका. टाइम्स ऑफ इंडिया ने जब मोटर व्हीकल्स इंस्पेक्टर चिरंजीवी से बातचीत की, तो उन्होंने बताया-
25 नवंबर को सुबह 4 बजे की बात है. ट्रक ड्राइवर के पास लाइसेंस नहीं था. फिर टीम ने ट्रक जब्त करने का फैसला किया. पर आरिफ ने चालाकी की. और सेल्फ स्टार्ट केबल निकाल दिया, जिससे ट्रक स्टार्ट न हो. इसके बाद हम अपना काम करने के लिए दूसरी लोकेशन पर चले गए. जब हम लौटे तो आरोपी ट्रक के साथ फरार हो चुका था.
रिपोर्ट के मुताबिक, आरोपी महबूबनगर से पास के ही एक पेट्रोल पंप गए. वहां ट्रक पार्क किया. फिर चेन्ना को घर से बुलाया गया. वो बाइक से वहां आया और फिर उसने ट्रक चलाना शुरू किया. और वहीं नवीन ने उसकी बाइक ले ली. सभी रैकाल टोल प्लाजा के पास पहुंचे, जहां उन्होंने अवैध तरीके से चार हजार रुपये में स्टील का सामान बेच दिया.
गैंगरेप के पहले खूब शराब पी रखी थी
पुलिस के मुताबिक, चारों आरोपी 26 नवंबर की रात 9 बजे शमशाबाद पहुंचे. वहां सड़क के किनारे ट्रक खड़ा किया और उसी के अंदर सो गए. फिर 27 नवंबर को सुबह 9 बजे पुलिस आई और सड़क से ट्रक हटाने के लिए कहा. उन चारों ने ट्रक टोंडपल्ली ORR टोल प्लाजा के पास ले जाकर खड़ा कर दिया. वहां उन्होंने शराब पी. इसी दौरान उन्होंने देखा कि एक लड़की है, जो अपनी स्कूटी ट्रक के पास खड़ी कर रही है. इसके बाद उन चारों ने उसे टारगेट करने का प्लान बनाया. रिमांड रिपोर्ट के मुताबिक, आरोपियों ने डॉक्टर का यौन शोषण किया. इस दौरान डॉक्टर बिल्कुल भी अपने होश में नहीं थीं. जब होश में आई, तो आरिफ ने उसे मार दिया.
रेप के बाद हत्या की और बॉडी फेंक दी
हत्या के बाद आरोपियों ने पीड़िता की बॉडी को एक चादर में लपेटा. फिर उसे चट्टान पल्ली के आशियाना होटल के पास फेंक दिया. इसके बाद उन्होंने लाश को आग लगाई और फिर विक्टिम के दोनों सिम कार्ड तोड़कर नष्ट कर दिए. वो सभी आरोपी वहां से चले गए. इसके बाद विक्टिम की स्कूटी कोठूर (तेलंगाना का गांव) में छोड़ दी. और ट्रक को 28 नवंबर की सुबह आरामगढ़ पहुंचा दिया. फिर आरिफ ने बाकी के तीन आरोपी के जाने के बाद ट्रक को ऑटोनगर (आंध्र-प्रदेश के विजयवाड़ा में है) में खड़ा कर दिया और वहां से घर चला गया.
पहले मकैनिक और फिर सीसीटीवी से आरोपी का पता चला
पुलिस को डॉक्टर की जली हुई बॉडी मिली. और विक्टिम की बहन ने पुलिस को बताया था कि उनकी स्कूटी खराब हो गई थी. मदद करने के लिए दो लोग आए थे. इसके बाद पुलिस ने आसपास के सभी टायर मकैनिकों को खोजना शुरू किया. इसी दौरान पुलिस को एक मकैनिक मिला, जिसने बताया कि लाल रंग की स्कूटी में कोई हवा भरवाने के लिए आया था. एनबीटी के मुताबिक, पुलिस ने घटनास्थल के आसपास के सीसीटीवी फुटेज खंगाले. उन्हें दो आरोपी दिखाई दिए, जिनके पास वो स्कूटी थी. फिर वहीं दूसरे फुटेज में उन्हें एक ट्रक भी दिखाई दिया, पर उसका रजिस्ट्रेशन नंबर साफ नहीं था. फिर पुलिस ने फुटेज की टाइमिंग पीछे की और फिर देखना शुरू किया, तो उन्होंने पाया कि ट्रक एक-दो घंटे से नहीं, बल्कि 6-7 घंटे से वहीं सड़क के किनारे खड़ा था. इसमें ट्रक का रजिस्ट्रेशन नंबर भी दिखाई दिया. उससे ट्रक के मालिक का नाम पता चला. पुलिस ने ट्रक के मालिक श्रीनिवास रेड्डी को कॉल किया. फिर उनसे सीसीटीवी फुटेज में दिख रहे आदमियों को पहचानने के लिए कहा. पर श्रीनिवास पहचान नहीं सके. लेकिन उन्होंने इतना जरूर बताया कि ये ट्रक आरिफ के पास था.
डॉक्टर को जलाने के लिए पेट्रोल पंप से फ्यूल लिया था
वहीं, पुलिस की दूसरी टीम भी केस की जांच में जुटी थी. उन्होंने पेट्रोल पंप के सीसीटीवी फुटेज को खंगालना शुरू किया. क्योंकि डॉक्टर को जलाने के लिए पेट्रोल पंप से ही पेट्रोल या डीजल लाया गया था. पुलिस को फुटेज में आरोपी नजर आए, जो बोतल में फ्यूल ले रहे थे. और ये वही थे, जो टायर मकैनिक के पास भी गए थे. पुलिस के मुताबिक, आरोपियों ने शाम 5 बजे से ही शराब पीनी शुरू कर दी थी. और रात के 9:30 बजे तक वो शराब पी ही रहे थे. फिर पुलिस ने मोबाइल फोन टावर की लोकेशन और ट्रक मालिक से मिली जानकारी के आधार पर आरिफ और उसके तीन साथियों को गिरफ्तार किया.
आरोपी की मां ने कहा 'सज़ा दो'
वेटनरी डॉक्टर के मामले में मुख्य आरोपी आरिफ की मां ने मीडिया से बात की थी. मां के मुताबिक, उनके बेटे ने घटना के बाद आकर उन्हें बताया था कि उसकी गाड़ी से किसी लड़की का एक्सीडेंट हो गया और इससे उसकी मौत हो गई. आरिफ के पापा हुसैन का कहना है कि उन्हें आरिफ के अपराध के बारे में कोई जानकारी नहीं थी. आरिफ जिस सज़ा के लायक है, उसे वो सज़ा मिलनी चाहिए. मूल बी ने ये भी बताया था कि बाकी तीन आरोपी उनके घर आते-जाते रहते थे. और अब चेन्ना की मां का भी बयान आया है. उनका कहना है कि अगर उनके बेटे ने गैंगरेप, मर्डर और डॉक्टर को जलाया है, तो उनके बेटे को भी वैसे ही जला देना चाहिए.
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