Saturday 21 September 2019

केंद्रीय दल ने माना मध्‍यप्रदेश में अतिवर्षा और बाढ़ से हुआ बड़ा नुकसान








अध्ययन दल ने नुकसान का जायजा लेने के बाद मुख्यमंत्री कमलनाथ को बताए हालात।




















भोपाल। अतिवर्षा और बाढ़ से प्रदेश में बड़े पैमाने पर नुकसान हुआ है। केंद्रीय अध्ययन दल ने मंदसौर, रायसेन, विदिशा, राजगढ़, आगर-मालवा का मैदानी जायजा लेने के बाद मंत्रालय में शुक्रवार को देर शाम मुख्यमंत्री कमलनाथ से मुलाकात कर उन्हें नुकसान का फीडबैक दिया।




इस दौरान मुख्यमंत्री ने पूछा कि आप लोग नीमच गए या नहीं, वहां भी बड़ा नुकसान हुआ है। मैं सोमवार को दौरा करने जाऊंगा। हम जल्द ही राज्य की ओर से केंद्र सरकार को आर्थिक सहायता के लिए मांग पत्र भेजने वाले हैं। यह वास्तविकता पर आधारित होगा।


 


मुख्यमंत्री ने कहा कि बारिश के बाद स्वास्थ्य के क्षेत्र में बड़ा काम करना होगा। इसके लिए भी केंद्र को सहायता देनी चाहिए। मुख्यमंत्री से भेंट के बाद दल ने राजस्व विभाग के अधिकारियों के साथ अपने अनुभव साझा किए। इस दौरान मुख्य सचिव एसआर मोहंती, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव अशोक बर्णवाल सहित अन्य अधिकारी मौजूद थे।


राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के संयुक्त सचिव संदीप पौड्रिक की अगुआई में आए दल ने बताया कि विंध्य क्षेत्र को छोड़कर पूरे प्रदेश में भारी नुकसान हुआ है। सोयाबीन, मूंग और उड़द की फसलों को ज्यादा नुकसान पहुंचा है। कच्चे मकान बह गए तो रपटे, छोटे पुल-पुलिया बह गए।


 


कई गांवों का सड़क संपर्क ही खत्म हो गए। आवागमन बुरी तरह प्रभावित हुआ है। नुकसान का जायजा लेने के लिए हमने तीन दल बनाकर मंदसौर, आगर मालवा, रायसेन, राजगढ़ और विदिशा जिले के प्रभावित गांवों का दौरा किया। दल ने बताया कि वो नुकसान के आकलन की प्रारंभिक रिपोर्ट एक सप्ताह में तैयार कर लेगा। राज्य सरकार की ओर से मिलने वाले मेमोरेंडम के बाद अंतिम रिपोर्ट तैयार की जाएगी।


मुख्यमंत्री ने अध्ययन दल से कहा कि हमारा मांग पत्र वास्तविकता पर आधारित होगा। बारिश के बाद की कार्रवाई को भी नुकसान में ही शामिल किया जाना चाहिए। स्वास्थ्य के क्षेत्र में बहुत काम करना होगा। इसके लिए अलग से राशि दी जानी चाहिए। बैठक के बाद दल ने प्रमुख सचिव राजस्व मनीष रस्तोगी और उनकी टीम के साथ बैठक करके मैदानी आकलन का अनुभव साझा किया।


 


इस दौरान अधिकारियों ने बताया कि प्रारंभिक आकलन के हिसाब से 11 हजार 600 करोड़ रुपए से ज्यादा के फसल, भवन, सड़क, पुल-पुलिया सहित अन्य चीजों का नुकसान पहुंचा है। 22 लाख किसानों की 25 लाख हेक्टेयर की लगभग नौ हजार 600 करोड़ रुपए मूल्य की फसल प्रभावित हुई है। किसानों को रबी फसल की तैयारी के लिए मदद की दरकार है।


ऐसे में किसान खरीफ फसलों के लिए सहकारी समितियों से लिए अल्पावधि ऋ ण को नहीं चुका पाएंगे, इसलिए इस कर्ज का मध्यावधि में तब्दील किया जाना चाहिए। केंद्रीय अध्ययन दल ने राज्य के प्रति सकारात्मक नजरिया रखने की बात कही। इस दौरान केंद्रीय अध्ययन दल के केएम सिंह, मनोज पोनीकर, डॉ. एके तिवारी, अमरनाथ सिंह और सुमित गोयल मौजूद थे।