कोरोना वायरस ने चीन में सैकड़ों लोगों को बीमार कर रखा है और कई लोगों की जान ले ली है.
सांसों की तकलीफ़ बढ़ाने वाले इस वायरस की पहचान वुहान शहर में पहली बार हुई. तेज़ी से फैलने वाला ये संक्रमण निमोनिया जैसे लक्षण पैदा करता है.
चीनी अधिकारियों ने संक्रमण को बढ़ने से रोकने के लिए कुछ शहरों को देश के बाक़ी हिस्सों से अलग-थलग करके रखा हुआ है.
ये चीन में नए साल के जश्न का समय है लेकिन बदली हुई परिस्थितियों में कई प्रमुख कार्यक्रम रद्द कर दिए गए हैं.
चीन में कोरोना वायरस से सैंकड़ों लोग संक्रमित हैं. देश के लगभग बीच में पड़ने वाला हुबेई प्रांत कोरोना वायरस से सबसे ज़्यादा प्रभावित क्षेत्रों में से है. विश्व स्वास्थ्य संगठन ने आने वाले समय में कोरोना वायरस से संक्रमित मामलों के बढ़ने की चेतावनी दे रखी है.
1. ज़्यादातर मामले चीन में
चीनी अधिकारियों ने भी कोरोना वायरस के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए कई तरह के कदम उठाये हैं. हुबेई प्रांत के कई शहरों में यात्रा प्रतिबंध लागू कर दिए गए हैं और आम लोगों से सार्वजनिक जगहों पर मास्क पहनकर रहने के लिए कहा गया है.
चीन की सरकार ने शंघाई की फ़ॉरबिडेन सिटी और ग्रेट वॉल ऑफ़ चीन के कुछ हिस्सों, यहां तक कि कई बौद्ध मंदिरों को भी बंद कर दिया है. ये चीन में नए साल के जश्न का समय है, हफ़्ते भर की छुट्टियां शुरू हो गई हैं, लाखों लोग घर जाने के लिए यात्राएं करते हैं.
और ऐसे समय में प्रतिबंधों की लिस्ट लंबी होती जा रही है. फिलहाल विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कोरोना वायरस को 'अंतरराष्ट्रीय आपातकाल' का दर्ज नहीं दिया है. इसकी वजह ये है कि चीन के बाहर कोरोना वायरस के संक्रमण के मामले कम सामने आए हैं.
विश्व स्वास्थ्य संगठन के महानिदेशक डॉक्टर टेड्रोस एडहानोम ग़ेब्रेयेसुस ने कहा, "कोई ग़लती न करें. ये मुश्किल समय है. चीन में आपातकाल जैसी स्थिति है."
2. सबसे ज़्यादा प्रभावित हुबेई
हुबेई प्रांत इस महामारी के केंद्र की तरह बन गया है. यहां अभी तक कोरोना वायरस के संक्रमण के 500 से ज़्यादा मामले दर्ज़ किए जा चुके हैं. इस प्रांत के दस शहरों के कम से कम दो करोड़ लोग यात्रा प्रतिबंधों की वजह से प्रभावित हुए हैं. इसमें वुहान शहर भी है जहां सबसे पहले कोरोना की पहचान हुई थी.
वुहान हुबेई प्रांत की राजधानी भी है. माना जा रहा है कि कोरोना वायरस की शुरुआत शहर के सीफूड मार्केट से हुई. यानी वो बाज़ार जहां मछलियां और दूसरे समुद्री जीव खाने के लिए खरीदे जाते हैं. वुहान की आबादी क़रीब एक करोड़ दस लाख की है.
सरकार ने ये शहर बंद कर दिया है. विमान सेवाएं और शहर से बाहर और शहर में दाख़िल होने वाली रेल सेवाएं स्थगित कर दी गई हैं.
वुहान यूनिवर्सिटी ऑफ़ टेक्नॉलॉजी के एक भारतीय छात्र चॉन्गथान पेपे बिफहोवजित ने बीबीसी से कहा, "मेरी यूनिवर्सिटी में हरेक छात्र के शरीर के तापमान की जांच हर दिन की जा रही है. सब को मास्क दिया गया है. यूनिवर्सिटी का अपना अस्पताल और एंबुलेंस सेवा है."
सोशल मीडिया पर वुहान के वीडियो शेयर किए जा रहे हैं जिनमें स्थानीय अस्पतालों के बाहर लंबी क़तारें देखी जा सकती हैं.
मेडिकल सेवाओं की बढ़ती ज़रूरत को पूरा करने के लिए प्रशासन शहर में हज़ार बिस्तरों वाला का एक नया अस्पताल बना रहा है. हुबेई के सरकारी अख़बार चांग्जीआंग डेली ने कहा है कि ये अस्पताल तीन फ़रवरी तक बनकर तैयार हो जाएगा. अस्पताल के निर्माण कार्य के लिए 35 खुदाई की मशीनें और 10 बुलडोज़र लगाए गए हैं.
3. कोरोना वायरस के मामले
चीन के बाहर कोरोना वायरस के मामलों की अभी तक थाईलैंड, वियतनाम, ताइवान, दक्षिण कोरिया, सिंगापुर, नेपाल, जापान, अमरीका, ऑस्ट्रेलिया और फ्रांस में पुष्टि हुई है.
दूसरे देश में संदिग्ध मामलों की जांच कर रहे हैं. इनमें ब्रिटेन और कनाडा जैसे देश हैं.
कई देशों ने तो चीन से आने वाले मुसाफिरों की जांच के लिए एयरपोर्ट पर ही एहतियाती कदम उठाए हैं. दुबई और आबू धाबी जैसे प्रमुख एयरपोर्ट्स पर ऐसा किया जा रहा है.
ताइवान ने तो वुहान से आने वाले लोगों पर पाबंदी लगा दी और अमरीका ने चीन में मौजूद अपने नागरिकों को अतिरिक्त सावधानी बरतने की सलाह दी है.
4. कोरोना वायरस के लक्षण
कोरोना वायरस बेहद आम होते हैं. इसके शुरुआती लक्षणों से अंदाजा लगाया जा सकता है, सांस लेने में थोड़ी तकलीफ़, खांसी या फिर बहती हुई नाक. लेकिन कोरोना परिवार के कुछ वायरस बेहद ख़तरनाक़ होते हैं जैसे सार्स (सिवियर एक्यूट रेसपिरेटरी सिंड्रोम) और मर्स (मिडल ईस्ट रेसपिरेटरी सिंड्रोम).
वुहान से शुरू हुई इस महामारी के लिए जिम्मेदार विषाणु को नॉवेल कोरोना वायरस या nCoV का नाम दिया गया है. मालूम पड़ता है कि ये कोरोना परिवार की एक नई नस्ल है जिसकी पहचान अभी तक इंसानों में नहीं हो पाई थी.
कोरोना वायरस से संक्रमण के मामलों में ऐसा लगता है कि इसकी शुरुआत बुखार से होती है और फिर उसके बाद सूखी खांसी का हमला होता है. हफ़्ते भर तक ऐसी ही स्थिति रही तो सांस की तकलीफ़ शुरू हो जाती है.
लेकिन गंभीर मामलों में ये संक्रमण निमोनिया या सार्स बन जाता है, किडनी फेल होने की स्थिति बन जाती है और मरीज़ की मौत तक हो सकती है. कोरोना के ज़्यादातर मरीज़ उम्रदराज़ लोग हैं, ख़ासकर वो जो पहले से ही पार्किंसन या डायबिटिज़ जैसी बीमारियों से जूझ रहे हों.
लंदन स्कूल ऑफ़ हाइजीन एंड ट्रॉपिकल मेडिसीन के डायरेक्टर प्रोफ़ेसर पीटर पियोट कहते हैं, "अच्छी ख़बर ये है कि कोरोना सार्स विषाणु की तुलना में कम जानलेवा है. अतीत की तुलना में वैश्विक स्तर पर सूचना का ज़्यादा और बेहतर आदान-प्रदान हो रहा है. ये अहम है क्योंकि एक संभावित महामारी से कोई देश अकेले नहीं लड़ सकता है."
इस संक्रमण से निजात पाने के लिए फिलहाल कोई ख़ास इलाज नहीं है. डॉक्टर संक्रमित मरीज़ों का इलाज फिलहाल उनके लक्षण के आधार पर ही कर रहे हैं.
5. बचने के लिए क्या कर सकते हैं?
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने प्रभावित इलाके लोगों को पहले से निर्धारित सामान्य एहतियाती उपाय बरतने की सलाह दी है ताकि संक्रमण के ख़तरे को कम किया जा सके. इन उपायों में हाथ साफ़ रखना, मास्क पहनना और खान-पान की सलाह शामिल है.
सांसों की किसी तकलीफ़ से संक्रमित मरीज़ों के क़रीब जाने से लोगों को बचने की सलाह दी गई है. नियमित रूप से हाथ साफ़ करते रहें, ख़ासकर किसी संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने के फौरन बाद, पालतू या जंगली जानवरों से दूर रहने की सलाह भी दी गई है. कच्चा या अधपका मांस खाने से मना भी किया गया है.
कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों को छींक आने की सूरत में सामने खड़े लोगों को बचाने की सलाह दी गई है. जैसे नाक पर कपड़ा या टिशू रखना, सामने खड़े व्यक्ति से फासला बनाकर रखना, नियमित रूप से साफ़ सफ़ाई जैसे एहतियात बरतने की उम्मीद की जाती है.
विश्व स्वास्थ्य संगठन को ऐसे साक्ष्य मिले हैं जिनमें क़रीब के लोगों के संक्रमित होने के मामलों की पुष्टि हुई है. इसकी वजह ये भी है कि परिवार में एक व्यक्ति के संक्रमित होने की सूरत में दूसरा उसकी देखभाल करने लगता है. हालांकि अभी तक इसके बाहर होने वाले संक्रमण को लेकर कोई स्पष्ट प्रमाण नहीं मिले हैं.
6. अगर कोई संक्रमित हो जाए तो...
चीन की सरकार ने कोरोना वायरस की महामारी को वही दर्ज़ा दिया है जो अतीत में सार्स की महामारी के समय दिया गया था. इसका मतलब ये हुआ कि देश में जिस किसी की भी इससे संक्रमित होने की पुष्टि होगी, उसे अलग-थलग रखा जाएगा.
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने अस्पतालों, डॉक्टरों और स्वास्थ्य कर्मियों के लिए विशेष सलाह जारी की है. इस एडवाइजरी में कहा गया है कि संक्रमित मरीज़ों की फौरन जांच की जानी चाहिए. संक्रमण को देखते हुए मरीज़ को हल्का, मध्यम या गंभीर स्थिति के वर्ग में रखा जाए.
स्वास्थ्य कर्मी खुद संक्रमण का शिकार न हो, इसके लिए सभी एहतियाती उपाय किए जाएं. गाउन, मास्क, दस्तानों के इस्तेमाल के अलावा अस्तपाल में संक्रमित मरीज़ों की गतिविधि पर नियंत्रण करने की भी सलाह दी गई है.
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