फरवरी से मई तक कई कैडर के लिए परीक्षा आयोजित करेगा एमपीपीएससी
एजुकेशन डेस्क. मप्र लोक सेवा आयोग (एमपीपीएससी) फरवरी, मार्च, अप्रैल और मई में कई कैडर के लिए परीक्षा आयोजित करेगा। फरवरी से मई तक राज्य अभियांत्रिकी सेवा, दंत चिकित्सक, मेडिकल ऑफिसर, सहायक भौमिकीविद, खनिज अधिकारी, खनिज निरीक्षक, फिजिक्स, कैमिस्ट्री और बायोलॉजी के वैज्ञानिक अधिकारी, प्राचार्य वर्ग 1 एवं 2 की परीक्षा होगी। इसके लिए एमपीपीएससी ने बाकायदा शेड्यूल तक जारी कर दिया है।
9 संवर्गों के पदों के लिए परीक्षा और परिणामों की समय सारिणी जारी की
परीक्षा का नाम | प्रारंभिक परीक्षा | परिणाम |
सहायक संचालक एवं कृषि विकास | फरवरी | मार्च |
दंत चिकित्सक | फरवरी | फरवरी |
अभियांत्रिकी सेवा | अप्रैल | मई |
मेडिकल ऑफिसर | अप्रैल | मई |
सहायक भौमिकिविद | मई | जून |
खनिज अधिकारी | मई | जून |
खनिज निरीक्षक | मई | जून |
वैज्ञानिक अधिकारी | जून | जुलाई |
प्राचार्य वर्ग | 1-2 जून | जुलाई |
देरी होने से गड़बड़ा सकता है मौजूदा वर्ष का शेड्यूल
एमपीपीएससी की राज्य सेवा प्रारंभिक परीक्षा 2019 के रिजल्ट का परीक्षार्थियों को बेसब्री से इंतजार है। आयोग द्वारा रिज़ल्ट के लिए बताई गई 31 जनवरी बीत चुकी है जबकि अभी तक आयोग गलत प्रश्नों के संबंध में ही किसी अंतिम निष्कर्ष पर नहीं पहुंच सका है। जानकारों का मानना है कि प्रारंभिक परीक्षा के रिज़ल्ट में देरी से इस वर्ष की मुख्य परीक्षा और फिर साक्षात्कार तो लेट हो ही जाएंगे, वर्ष 2020 के कार्यक्रम पर भी इसका असर पड़ सकता है।
वर्ष 2019 की राज्य सेवा परीक्षा का विज्ञापन लंबे इंतजार के बाद साल के अंत तक ही जारी हो पाया था, इस कारण प्रारम्भिक परीक्षा 12 जनवरी को हो पाई थी।इस परीक्षा के दोनों प्रश्न पत्रों में प्रश्नों को लेकर विवाद की स्थिति बनी थी।दूसरे पेपर में भील समाज पर पूछे गए प्रश्नों पर विवाद होने पर उन्हें हटा दिया गया था।इसी प्रकार प्रथम प्रश्न पत्र यानि सामान्य अध्ययन के पेपर में कुछ प्रश्नों के विकल्पों को लेकर विवाद था,आयोग ने इन प्रश्नों पर आपत्ति मंगवाई थी जिनका अंतिम तौर पर निराकरण अभी तक नहीं हो सका।
11 साल में दूसरी बार गेप, बना रहता है ओवरएज होने का डर
एमपीपीएससी की परीक्षा में पिछले 11 साल में दूसरी बाद गेप हुआ है। विशेषज्ञ कहते हैं कि परीक्षा के आयोजन में अंतराल होने से इसमें शामिल होने वाले युवा उम्मीदवार को ओवरएज होने का डर बना रहता है। 2010 से अब तक दूसरी बाद परीक्षा की अवधि में अंतराल की स्थिति बनी। 2011 में परीक्षा नहीं हुई। इसके बाद 2012 से 2018 पीएससी परीक्षा नियमित हुई। इसके बाद 2019 में होने वाली परीक्षा छात्र संगठनों, उम्मीदवारों के दबाव के चलते एक साल बाद हो सकी। एक्सपर्ट यह भी कहते हैं कि यदि प्रारंभिक परीक्षा के नतीजों में देर की तो इसकी आशंका और भी बढ़ जाएगी।
लोक सेवा आयोग ने 26 नवंबर 2019 को अपना 2020 का परीक्षा कैलेंडर जारी किया था। इसके मुताबिक 12 जनवरी को संम्पन्न प्री का रिजल्ट 31 जनवरी को आना था। मुख्य परीक्षा अप्रैल में, साक्षात्कार अगस्त में कराकर सितंबर 2020 तक राज्यसेवा परीक्षा 2019 पूर्ण करना है, क्योंकि आयोग के प्रस्तावित कार्यक्रम अनुसार 2020 की प्री परीक्षा भी इसी साल जुलाई में होना है। गौरतलब है कि विज्ञापन में देरी के कारण ही आयोग ने आयु सीमा में एक साल की छूट दी थी।
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