राज्य सरकार ने डेढ़ माह में जरुरतमंदों के खातों में पहुंचाए साढे छह हजार करोड़ रुपए
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान
- सरकार की इस पहल से प्रदेश के 66 हजार गौवंशों को गौ-शालाओं के माध्यम से पर्याप्त भूसा उपलब्ध हो सकेगा
- राज्य सरकार द्वारा निराश्रित गौवंश के लिये 599 गौ-शालाओं में गेहूं, चना, भूसा की आपूर्ति के लिए 29 करोड़ 85 लाख रूपये दिए गए हैं
भोपाल. कोरोना से जूझ रहे मध्यप्रदेश में राज्य सरकार ने पिछले लगभग डेढ़ माह में छह हजार पांच सौ करोड़ रुपयों से अधिक की राशि राज्य के जरुरतमंदों के खातों में विभिन्न योजनाओं के माध्यम से पहुंचायी है। राज्य सरकार ने 15 लाख किसानों को फसल बीमा की 2990 करोड़ रुपये की राशि उनके खातों में ट्रांसफर की है। किसानों की फसल को भी समर्थन मूल्य पर खरीदने की व्यवस्था की गई है। खरीदी शुरू होते ही शुरू के 15 दिन में 5 लाख 65 हजार किसानों से 28 लाख मीट्रिक टन से अधिक गेहूँ खरीदा गया। इसके लिये किसानों को अब तक लगभग 2000 करोड़ रुपये भुगतान भी कर दिया गया है।
- लॉकडाउन के दौरान सरकार ने संनिर्माण कर्मकार मंडल में पंजीकृत 8 लाख 85 हजार मजदूरों के खाते में प्रारंभ में एक-एक हजार रुपये और उसके बाद में फिर से एक-एक हजार रुपये की अतिरिक्त सहायता ऑनलाइन भेजी है। इस प्रकार, निर्माण कार्यों से जुड़े संनिर्माण कर्मकार मंडल में इन सभी मजदूरों के खाते में 177 करोड़ 30 लाख रूपये की राशि ट्रांसफर कर दी गई है।
- कोरोना संक्रमण के इस दौर में राज्य के असंगठित क्षेत्र के मजदूर, जो प्रदेश से बाहर अन्य राज्यों में कार्य करने के समय लॉकडाउन की घोषणा के बाद वहां पर फंस गये हैं, ऐसे सभी 20,000 श्रमिकों के खाते में 1000 रुपये के मान से कुल दो करोड़ रुपये ट्रांसफर किये गये हैं। प्रदेश में अन्य 22 राज्यों के फँसे 7000 प्रवासी श्रमिकों को भी उनकी तात्कालिक जरूरतों को पूरा करने के लिये एक हजार रुपये के मान से सहायता राशि पहुँचाई गई है।
- प्रदेश सरकार की ओर से महामारी की विपत्ति में बेसहारा, बुजुर्गों आदि को दी जाने वाली सामाजिक सुरक्षा पेंशन की 562 करोड़ रुपये की राशि 46 लाख हितग्राहियों के खातों में भेजी गई है। इसमें सामाजिक सुरक्षा पेंशन, विधवा पेंशन, वृद्धावस्था पेंशन और निराश्रित पेंशन आदि का अगले दो माह का भुगतान भी शामिल है।
- राज्य सरकार द्वारा प्रदेश की शासकीय प्राथमिक शालाओं में अध्ययनरत 60 लाख 81 हजार बच्चों और माध्यमिक शालाओं में अध्ययनरत 26 लाख 68 हजार बच्चों के अभिभावकों के खाते में मध्यान्ह भोजन योजना के 117 करोड़ और योजना में कार्यरत 2 लाख 10 हजार रसोइयों के खाते में 42 करोड़ 3 लाख 8 हजार रुपये ट्रांसफर किये गये हैं। इसी तरह, विभिन्न छात्रवृत्ति योजनाओं में 52 लाख छात्र-छात्राओं के खातों में 430 करोड़ रुपये की राशि का भुगतान भी कर दिया गया है।
- लॉकडाउन की अवधि में जिलों में आवश्यक व्यवस्थाओं को सुनिश्चित करने के लिये सरकार द्वारा भी राशि उपलब्ध कराई गई है। प्रत्येक जिले को स्थानीय आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए 2-2 करोड़ रुपये की राशि इस काम के लिये दी गई है। यह राशि राहत शिविरों और भोजन व्यवस्था आदि के लिये दी गई है। इसके अतिरिक्त, लॉकडाउन में आम आदमी को किसी भी प्रकार की कठिनाई नहीं हो, इसके लिए प्रशासन को आकस्मिक व्यवस्थाएं सुनिश्चित करने के लिये जिलों को कम से कम एक एक करोड़ रुपयों केे मान से कुल 156 करोड़ रूपये दिए गए हैं।
- कोरोना महामारी में लॉकडाउन के दौरान ग्रामीण क्षेत्रों में प्रवासी श्रमिकों, निराश्रितों और असहायों के लिये भोजन, आश्रय आदि की व्यवस्था के लिए 70 करोड़ रुपये जारी किये गये हैं। राज्य सरकार द्वारा प्रदेश की सहरिया, बैगा एवं भारिया अति पिछड़ी जनजातियों के लोगों के बैंक खातों में भी दो माह की अग्रिम सहायता राशि समय पर पहुंचा दी गयी है। अन्य जरुरतमंदों को भी सहायता पहुंचायी जा रही है।
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