Monday 4 May 2020

 छत्तीसगढ़ में सरकारी दफ्तरों में अधिकारियों का आना अनिवार्य, कर्मचारी होंगे एक तिहाई

सरकारी दफ्तरों में अधिकारियों का आना अनिवार्य, कर्मचारी होंगे एक तिहाई; कटघोरा और जजावल में बंद




  • कर्मचारियों की रोस्टर के अनुसार लगेगी ड्यूटी, दफ्तरों को किया गया सैनिटाइज

  • राज्य सरकार के आदेश के बाद 4 मई से शासकीय कार्यालयों को खुलेगा लॉक

  • इसके साथ ही कार्यालयों को लेकर गाइड लाइन भी जारी की गई है।



छत्तीसगढ़ सरकार की ओर से मंत्रालय महानदी भवन से शासकीय दफ्तर 4 मई से खोलने के आदेश जारी कर दिए हैं।


रायपुर. छत्तीसगढ़ में सभी सरकारी कार्यालय भी सोमवार 4 मई से खुल जाएंगे। राज्य सरकार ने इसके आदेश जारी कर दिए हैं। हालांकि कोरबा के कटघोरा और सूरजपुर के जजावल को इस आदेश से बाहर रखा गया है। वहां सभी शासकीय कार्यालय बंद रहेंगे। प्रदेश के अन्य जिलों के सरकारी कार्यालयों में एक तिहाई ही कर्मचारी काम करेंगे, लेकिन गैजेटेड ऑफिसर को आना अनिवार्य है। 



सामान्य प्रशासन विभाग ने रविवार को सभी विभागों के सचिवों, संभागीय कमिश्नर, सभी कलेक्टर और विभागाध्यक्षों को शासकीय कार्यालयों का संचालन शुरू करने के लिए कहा गया है। इसके लिए तय गाइडलाइन के निर्देशों का पालन करना होगा। साथ ही कहा गया है कि कंटेनमेंट जोन में कोरोना मामलों की संख्या कम होने के बाद जिला कलेक्टर अपने स्तर पर यहां कार्यालय खोलने का फैसला ले सकते हैं। 


मीटिंग कम से कम होंगी, वीडियो कॉफ्रेंसिंग बनेगी माध्यम



  • आदेश में कहा गया है, कार्यालयों में गैजेटेड ऑफिसर शत-प्रतिशत उपस्थिति होंगे। जबकि अन्य अधिकारी और कर्मचारियों की ड्यूटी रोस्टर के अनुसार लगाई जाएगी। 

  • सभी शासकीय कार्यालयों में सेनिटाइजेशन और नियमित साफ-सफाई की व्यवस्था निर्देशों के अनुसार की जाए। सोशल डिस्टेंसिंग की व्यवस्था हो। 

  • मीटिंग कम से कम या जरूरत पड़ने पर ही की जाए। जरूरी हो तो सोशल-फिजिकल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए मीटिंग हो।

  • कार्यालयों में लोगों के साथ मिलना-जुलना कम रखा जाए। जो लोग आएं उनको नियमों के अनुसार सेवा दी जाए। परिसर में शिकायत पेटी हो, जहां लाेगों के शिकायत डालने की सुविधा हो। 

  • अधिक से अधिक ऑनलाइन काम किया जाए। कार्यालय में आने-जाने के लिए सामूहिक के स्थान पर स्वयं के परिवहन का उपयोग करें। 



लॉकडाउन के बीच अब घर बैठे पाएं शराब, दूध, सब्जी और राशन की तरह इस राज्य में शराब की भी होगी होम डिलीवरी

पंजाब और केरल के बाद अब पश्चिम बंगाल, असम और मेघालय सरकार ने भी शराब की दुकानें खोलने की मंजूरी दे दी गई है। हालांकि पश्चिम बंगाल में शराब की होम डिलीवरी की इजाजत दे दी है। बंगाल में शराब के लिए स्थानीय थाने की पुलिस पास जारी करेगी।









देश इस समय कोरोना की मार झेल रहा है। इस महामारी से संक्रमित लोगों की संख्या 9 हजार के पार हो गई है, जबकि मरने वालों का आंकड़ा भी 300 के पार पहुंच गया है। इस भयानक वायरस से बचने के लिए हर संभव कोशिश की जा रही है। जिसे देखते हुए देश के कई राज्यों में लॉकडाउन की अवधि को बढ़ाकर 30 अप्रैल कर दिया गया है।






कोरोना संकट के कारण देशभर में लॉकडाउन है। जरूरी सामान को छोड़कर कुछ भी नहीं मिल पा रहा है। दूध, सब्जी, फल और राशन जैसी चीजों की तो डिलिवरी हो जा रही है, लेकिन शराब पर पांबदी है। कई राज्यों में शराब की पाबंदी हटाने की मांग की जा रही है। राज्यों की इस मांग पर अमल भी होने लगा है। बताया जा रहा है कि अब कई राज्यों में शराब की डिलीवरी की इजाजत मिल गई है।









पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी सरकार ने लॉकडाउन के दौरान राज्य में शराब की होम डिलीवरी की इजाजत दे दी है। बंगाल में शराब के लिए स्थानीय थाने की पुलिस पास जारी करेगी। इस पास के आधार पर शराब विक्रेता लोगों के घरों तक शराब की डिलिवरी कर सकेंगे। यानी जैसे सब्जी दूध की होम डिलीवरी हो रही है ऐसे ही अब आप शराब भी ऑर्डर कर सकेंगे।




 







पश्चिम बंगाल के अलावा रविवार को असम में भी 13 अप्रैल यानी आज से शराब की दुकानें खोलने की मंजूरी दे दी गई है। इसके अलावा मेघालय सरकार ने भी शराब बिक्री की अनुमित दे दी है। इससे पहले केरल और पंजाब दो ही राज्य ऐसे थे जहां पर सरकार ने शराब को आवश्यक वस्तु की श्रेणी में रखा है। इन दोनों राज्यों में पंजाब और केरल में शराब की दुकान खुली हैं और लोग यहां से शराब खरीद कर अपने घर ले जा पा रहे हैं।










 









फिलहाल उत्तर प्रदेश, दिल्ली, राजस्थान, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र जैसे राज्यों में शराब की बिक्री पूरी तरह बंद है। शराब की डिलीवरी को लेकर अभी तक किसी भी फैसले के संकेत नहीं मिले हैं। इधर, जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने ट्वीट करके तंज कसा है। उन्होंने कहा कि कश्मीर में मांस और जरूरी आवश्यक सामग्री बेचने वाली दुकानों को खोलने की अनुमति नहीं दी जा रही है, जबकि कुछ राज्यों में शराब को आवश्यक चीजों में माना जाता है। बता दें कि कोरोना महामारी से लड़ने के लिए देशभर 14 अप्रैल तक लॉकडाउन घोषित है। भारत में कोरोना के अब तक 9 हजार से अधिक मामले सामने आ चुके हैं, जबकि 300 से ज्यादा लोगों की मौत हुई है।








रायपुर में 4 मई से शराब की होम डिलीवरी होगी;

भीड़ न जुटे, इसलिए एक व्यक्ति काे 6 बोतलें लेने की सुविधा दी, अब तक दो ही मिलती थीं




 




भूपेश सरकार ने 4 मई से शराब बिक्री को लेकर सभी कलेक्टर को आदेश जारी किए


सुबह 8 बजे से शाम 7 बजे तक दुकानें खुलेंगी, सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किया जाएगा



रायपुर. छत्तीगसढ़ में सोमवार से शराब दुकानों को खोलने की हरी झंडी मिल गई। इसको लेकर सरकार ने आदेश जारी कर दिए हैं। हालांकि इस दौरान सोशल डिस्टेंसिंग और भीड़ का भी ध्यान रखा जाएगा। होम डिलीवरी करने के साथ ही प्रति व्यक्ति 5000 एमएल (छह बोतल) शराब मिल सकेगी। अब तक यह लिमिट दो बोतलों की थी। इसको लेकर सभी जिलाें के कलेक्टर को निर्देश दे दिए गए हैं। 



मुख्यमंत्री आवास में रविवार को बैठक में शराब दुकानें खोलने पर मुहर लगा दी गई। दुकानें ग्रीन जोन के साथ ही रेड और ऑरेंज जोन में भी खोली जाएंगी। हालांकि केंद्रीय गृहमंत्रालय की गाइडलाइन का पालन करना होगा और हॉटस्पॉट और कोर जाेन से बाहर ही खुलेंगी। इसके लिए सुबह 8 बजे से शाम 7 बजे तक या फिर जिलों के लिहाज से लॉकडाउन के दौरान तय किया गया समय लागू होगा। 


होम डिलीवरी पर देना होगा अतिरिक्त चार्ज 
वर्तमान में देशी और विदेशी शराब खरीदने की सीमा प्रति व्यक्ति 2 बोतल और बीयर खरीदने की सीमा 4 बोतल है। लाॅकडाउन के दौरान भीड़ में कमी लाने के लिए देशी-विदेशी शराब बिक्री की सीमा 3000 एमएल और बीयर की 6 क्वार्टर बोतल ली जा सकेगी। हालांकि ग्राहक अगर दुकान पर विक्रय काउंटर से खरीदता है तो शराब 5000 एमएल मिल सकेगी। वहां पर सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना होगा। 



राज्य सरकार ने सोशल डिस्टेसिंग का पालन करने के लिए शराब की होम डिलेवरी करने की छूट भी दी है। इसके लिए डिलवरी ब्वाय नियुक्त किया जाएगा। हालांकि होम डिलीवरी का अतिरिक्त चार्ज देना होगा। डिलीवरी ब्वाय की नियुक्ति प्लेसमेंट एजेंसी करेगी और होम डिलीवरी का चार्ज भी वहीं तय करेगी। प्लेसमेंट एजेंसी को लेकर जिला प्रशासन अपने स्तर पर निर्णय लेगा। 



बैतूल का एकमात्र कोरोना मरीज स्वस्थ, जिला कोरोना मुक्त हुआ

बैतूल जिले में एकमात्र कोरोना पॉजिटिव मरीज स्वस्थ होने पर आज अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया।




  • नागपुर में तब्लीगी जमात में शामिल होकर लौटा था आरिफ अंसारी, छह अप्रैल को पॉजिटिव आई थी रिपोर्ट 

  • जिला अस्पताल के डॉक्टर्स और स्टॉफ ने ताली बजाकर की विदाई, 14 दिन होम क्वारंटाइन में रहना होगा



बैतूल. कोरोनावायरस से संक्रमित बैतूल जिले के एकमात्र एकमात्र कोरोना पॉजिटिव मरीज शनिवार को डिस्चार्ज हो गया। इस मरीज के ठीक होने के साथ ही बैतूल जिला कोरोना मुक्त हो गया है। जिले के भैंसदेही निवासी आरिफ अंसारी की चौथी और पांचवी रिपोर्ट निगेटिव आई है। आरिफ 6 अप्रैल को जांच रिपोर्ट में कोरोना पॉजिटिव पाया गया था। आरिफ नागपुर में तब्लीगी जमात में शामिल होकर लौटा था। बताया जा रहा है कि वहीं पर संक्रमित हुआ था। एकमात्र मरीज होने और महाराष्ट्र की सीमा से लगा होने के कारण बैतूल को ग्रीन जोन में जगह नहीं मिल पाई थी। जिला फिलहाल ऑरेंज जोन में है। 


जिला अस्पताल के सिविल सर्जन डॉ. अशोक बारंगा ने बताया कि जिले के इस एकमात्र कोरोना पॉजिटिव मरीज आरिफ की चौथी और पांचवी रिपोर्ट दोनों ही निगेटिव आई है, इसलिए इसे जिला चिकित्सालय से डिस्चार्ज किया जा रहा है, लेकिन इसे अभी 14 दिन अपने निवास पर होम क्वारैंटाइन रहना होगा। मरीज के साथ-साथ परिजनों को भी समझाइश दी गई है कि होम क्वारैंटाइन अवधि के दौरान यदि मरीज को किसी  भी प्रकार की कोई समस्या आती है तो तत्काल इसकी जानकारी स्वास्थ्य अधिकारियों को दी जाए, ताकि उसके संबंध में फिर से आवश्यक जांच की जा सकें। 


पुलिस का प्रधान आरक्षक दोषी पाए जाने पर निलंबित
नागपुर में तब्लीगी जमात से लौटकर बैतूल आने की अनुमति आरिफ को गलत तरीके से दी गई थी। इसे भैंसदेही थाने के आरक्षक ने नागपुर से लाने की अनुमति थाना प्रभारी के हस्ताक्षर की सील परिजनों को प्रदान की थी। बाद में जांच में यह सामने आया था कि थाने के ही एक प्रधानआरक्षक ने अनुमति पत्र पर थाना प्रभारी के हस्ताक्षर कर सील लगा दी थी, इसकी जांच हुई तो आश्रखक दोषी पाया गया और उसे निलंबित कर दिया गया था। 


अस्पताल स्टॉफ ने ताली बजाकर हौसला बढ़ाया 
जिला अस्पताल से आरिफ अंसारी को डिस्चार्ज किया गया तो सभी स्वास्थ्य कर्मचारियों ने ताली बजाकर उसे शुभकामनाएं दी और हौसला बढ़ाया। आरिफ अंसारी नागपुर में तब्लीगी जमात में शामिल होकर वापस आया था और अपने साथ कोरोना भी ले आया था। 



जरुरतमंदों के खातों में पहुंचाए साढे छह हजार करोड़ रुपए

राज्य सरकार ने डेढ़ माह में जरुरतमंदों के खातों में पहुंचाए साढे छह हजार करोड़ रुपए






                                                              मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान






  • सरकार की इस पहल से प्रदेश के 66 हजार गौवंशों को गौ-शालाओं के माध्यम से पर्याप्त भूसा उपलब्ध हो सकेगा

  • राज्य सरकार द्वारा निराश्रित गौवंश के लिये 599 गौ-शालाओं में गेहूं, चना, भूसा की आपूर्ति के लिए 29 करोड़ 85 लाख रूपये दिए गए हैं


भोपाल. कोरोना से जूझ रहे मध्यप्रदेश में राज्य सरकार ने पिछले लगभग डेढ़ माह में छह हजार पांच सौ करोड़ रुपयों से अधिक की राशि राज्य के जरुरतमंदों के खातों में विभिन्न योजनाओं के माध्यम से पहुंचायी है। राज्य सरकार ने 15 लाख किसानों को फसल बीमा की 2990 करोड़ रुपये की राशि उनके खातों में ट्रांसफर की है। किसानों की फसल को भी समर्थन मूल्य पर खरीदने की व्यवस्था की गई है। खरीदी शुरू होते ही शुरू के 15 दिन में 5 लाख 65 हजार किसानों से 28 लाख मीट्रिक टन से अधिक गेहूँ खरीदा गया। इसके लिये किसानों को अब तक लगभग 2000 करोड़ रुपये भुगतान भी कर दिया गया है।



  • लॉकडाउन के दौरान सरकार ने संनिर्माण कर्मकार मंडल में पंजीकृत 8 लाख 85 हजार मजदूरों के खाते में प्रारंभ में एक-एक हजार रुपये और उसके बाद में फिर से एक-एक हजार रुपये की अतिरिक्त सहायता ऑनलाइन भेजी है। इस प्रकार, निर्माण कार्यों से जुड़े संनिर्माण कर्मकार मंडल में इन सभी मजदूरों के खाते में 177 करोड़ 30 लाख रूपये की राशि ट्रांसफर कर दी गई है। 

  • कोरोना संक्रमण के इस दौर में राज्य के असंगठित क्षेत्र के मजदूर, जो प्रदेश से बाहर अन्य राज्यों में कार्य करने के समय लॉकडाउन की घोषणा के बाद वहां पर फंस गये हैं, ऐसे सभी 20,000 श्रमिकों के खाते में 1000 रुपये के मान से कुल दो करोड़ रुपये ट्रांसफर किये गये हैं। प्रदेश में अन्य 22 राज्यों के फँसे 7000 प्रवासी श्रमिकों को भी उनकी तात्कालिक जरूरतों को पूरा करने के लिये एक हजार रुपये के मान से सहायता राशि पहुँचाई गई है।

  • प्रदेश सरकार की ओर से महामारी की विपत्ति में बेसहारा, बुजुर्गों आदि को दी जाने वाली सामाजिक सुरक्षा पेंशन की 562 करोड़ रुपये की राशि 46 लाख हितग्राहियों के खातों में भेजी गई है। इसमें सामाजिक सुरक्षा पेंशन, विधवा पेंशन, वृद्धावस्था पेंशन और निराश्रित पेंशन आदि का अगले दो माह का भुगतान भी शामिल है।

  • राज्य सरकार द्वारा प्रदेश की शासकीय प्राथमिक शालाओं में अध्ययनरत 60 लाख 81 हजार बच्चों और माध्यमिक शालाओं में अध्ययनरत 26 लाख 68 हजार बच्चों के अभिभावकों के खाते में मध्यान्ह भोजन योजना के 117 करोड़ और योजना में कार्यरत 2 लाख 10 हजार रसोइयों के खाते में 42 करोड़ 3 लाख 8 हजार रुपये ट्रांसफर किये गये हैं। इसी तरह, विभिन्न छात्रवृत्ति योजनाओं में 52 लाख छात्र-छात्राओं के खातों में 430 करोड़ रुपये की राशि का भुगतान भी कर दिया गया है। 

  • लॉकडाउन की अवधि में जिलों में आवश्यक व्यवस्थाओं को सुनिश्चित करने के लिये सरकार द्वारा भी राशि उपलब्ध कराई गई है। प्रत्येक जिले को स्थानीय आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए 2-2 करोड़ रुपये की राशि इस काम के लिये दी गई है। यह राशि राहत शिविरों और भोजन व्यवस्था आदि के लिये दी गई है। इसके अतिरिक्त, लॉकडाउन में आम आदमी को किसी भी प्रकार की कठिनाई नहीं हो, इसके लिए प्रशासन को आकस्मिक व्यवस्थाएं सुनिश्चित करने के लिये जिलों को कम से कम एक एक करोड़ रुपयों केे मान से कुल 156 करोड़ रूपये दिए गए हैं। 

  • कोरोना महामारी में लॉकडाउन के दौरान ग्रामीण क्षेत्रों में प्रवासी श्रमिकों, निराश्रितों और असहायों के लिये भोजन, आश्रय आदि की व्यवस्था के लिए 70 करोड़ रुपये जारी किये गये हैं। राज्य सरकार द्वारा प्रदेश की सहरिया, बैगा एवं भारिया अति पिछड़ी जनजातियों के लोगों के बैंक खातों में भी दो माह की अग्रिम सहायता राशि समय पर पहुंचा दी गयी है। अन्य जरुरतमंदों को भी सहायता पहुंचायी जा रही है।